दुनिया की सबसे मूल्यवान एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर कंपनियों में शामिल Salesforce अब बड़े भाषा मॉडल (LLMs) पर अपनी अत्यधिक निर्भरता को कम कर रही है। इसकी वजह AI सिस्टम की विश्वसनीयता से जुड़ी समस्याएँ हैं, जिन्होंने कंपनी के शीर्ष अधिकारियों का भरोसा डगमगा दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, Salesforce की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (प्रोडक्ट मार्केटिंग) संजना परुलेकर ने स्वीकार किया कि पिछले एक साल के दौरान AI मॉडल्स पर भरोसे में गिरावट आई है। यह जानकारी The Information की एक रिपोर्ट में सामने आई है।
एक साल पहले तक बड़े लैंग्वेज मॉडल्स को लेकर सभी का भरोसा ज्यादा था, लेकिन अब तस्वीर बदलती दिख रही है। पारुलेकर के अनुसार, कंपनी अब जनरेटिव AI से हटकर ज्यादा भरोसेमंद और नियंत्रित यानी “डिटरमिनिस्टिक” ऑटोमेशन की ओर बढ़ रही है। यह बदलाव Salesforce के प्रमुख प्रोडक्ट Agentforce में साफ तौर पर देखा जा सकता है।
इस बयान से पहले Salesforce ने अपने सपोर्ट स्टाफ में बड़ी कटौती की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, AI एजेंट्स की तैनाती के बाद कर्मचारियों की संख्या 9,000 से घटाकर लगभग 5,000 कर दी गई, यानी करीब 4,000 पद समाप्त हो गए। कंपनी के CEO मार्क बेनिऑफ ने एक पॉडकास्ट में खुद इस बात की पुष्टि की। CNBC की रिपोर्ट के अनुसार, AI के प्रभाव पर चर्चा करते हुए बेनिऑफ ने कहा कि अब उन्हें पहले जितने कर्मचारियों की जरूरत नहीं है।
अब Salesforce इस बात पर जोर दे रही है कि Agentforce, बड़े AI मॉडल्स में मौजूद अनिश्चितता और बेतरतीब नतीजों को कम करने में मदद कर सकता है। यह रुख हाल ही तक उद्योग में छाए “AI-फर्स्ट” नैरेटिव से काफी अलग है और यह दिखाता है कि कंपनियां अब ज्यादा स्थिर और अनुमानित AI समाधान अपनाने की दिशा में बढ़ रही हैं।

मॉडल की विफलता से ग्राहक सर्वे गायब होने की समस्या
वास्तविक परिस्थितियों में बड़े भाषा मॉडल (LLMs) के उपयोग के दौरान Salesforce को कई गंभीर तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। Agentforce के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर मुरलीधर कृष्णप्रसाद के अनुसार, जब किसी मॉडल को आठ से अधिक निर्देश दिए जाते हैं, तो वह कुछ जरूरी निर्देशों को नजरअंदाज करने लगता है। सटीकता पर निर्भर व्यावसायिक कार्यों के लिए यह एक बड़ी कमजोरी मानी जा रही है।
होम सिक्योरिटी कंपनी Vivint, जो अपने 25 लाख ग्राहकों की कस्टमर सपोर्ट सेवाओं के लिए Agentforce का उपयोग करती है, ने इन भरोसेमंद समस्याओं को सीधे तौर पर महसूस किया। प्रत्येक ग्राहक बातचीत के बाद संतुष्टि सर्वे भेजने के स्पष्ट निर्देश देने के बावजूद, कई बार सर्वे बिना किसी ठोस कारण के नहीं भेजे गए। The Information की रिपोर्ट के अनुसार, इस समस्या के समाधान के लिए Vivint ने Salesforce के साथ मिलकर “डिटरमिनिस्टिक ट्रिगर्स” लागू किए, ताकि सर्वे लगातार और समय पर भेजे जा सकें।
एक अन्य चुनौती AI में आने वाले “ड्रिफ्ट” से जुड़ी है, जैसा कि कार्यकारी फिल मुई ने अक्टूबर की एक ब्लॉग पोस्ट में बताया। जब उपयोगकर्ता गैर-जरूरी या असंबंधित सवाल पूछते हैं, तो AI एजेंट अपने मुख्य उद्देश्य से भटकने लगते हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी चैटबॉट का डिज़ाइन स्पष्ट लक्ष्य पर आधारित न हो, तो उसकी कार्यक्षमता और सटीकता प्रभावित हो सकती है।

Salesforce के CEO मार्क बेनिऑफ की AI योजनाएँ बाजार की सच्चाई से टकराईं
Salesforce के CEO मार्क बेनिऑफ लंबे समय से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को कंपनी के भविष्य का आधार मानते रहे हैं, लेकिन अब बड़े लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) को लेकर कंपनी का रुख बदलता नजर आ रहा है। हाल ही में बेनिऑफ ने कहा कि कंपनी की वार्षिक रणनीति में अब AI मॉडल्स से ज्यादा मजबूत डेटा फाउंडेशन को प्राथमिकता दी जा रही है। इसकी बड़ी वजह यह है कि पर्याप्त डेटा संदर्भ के बिना AI सिस्टम “गलत या भ्रमित करने वाले जवाब” दे सकते हैं।
बेनिऑफ ने यह भी संकेत दिया कि Salesforce खुद को “Agentforce” नाम से रीब्रांड कर सकती है। उनका मानना है कि अब ग्राहक केवल क्लाउड कंप्यूटिंग की बातें सुनने में रुचि नहीं रखते। हालांकि, यह ब्रांडिंग उत्साह उन तकनीकी चुनौतियों से टकराता दिख रहा है, जिन्हें अब खुद कंपनी के अधिकारी स्वीकार कर रहे हैं।
कंपनी के शेयर दिसंबर 2024 के उच्च स्तर से लगभग 34% तक गिर चुके हैं। इसके बावजूद अनुमान है कि Agentforce से सालाना 500 मिलियन डॉलर से अधिक का राजस्व आ सकता है।
Salesforce का बड़े AI मॉडल्स से आंशिक रूप से पीछे हटना उन हजारों कंपनियों को प्रभावित कर सकता है, जो इस तकनीक पर निर्भर हैं। फिलहाल कंपनी AI इनोवेशन और वास्तविक बिज़नेस उपयोग के बीच संतुलन बनाने की चुनौती से जूझ रही है।
